Hi! My name is Ankit Kumar.
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इश्क़ के रथ पर सवार होकर,
जो निकल पड़ते हैं,
पहिए डगमगाते हैं, आंधियां चलती है,
पग-पग पे ज़माना गीद्ध की नज़रें जमाए रखता है,
कहीं लैला से मजनू तो कहीं जूलियट से रोमियो जुदा हो जाता है
इश्क़ मुकम्मल होती है कहां,
इबादत कबूल होती है कहां,
दो जानों की एक मंज़िल होती है कहां,
सब छूट जाते हैं बस निशां रहती है यहां।
नायक-नायिका बस कवियों के कविताओं में नजर आते हैं,
कुछ अल्फाज़ से तो कुछ भावों से अमर कर जाते हैं,
आज फिर दो परिंदे मोहब्बत की राह पर निकले हैं,
दिल में नई उमंग नया जज़्बात के लिए निकले हैं,
अक्सर कंधे बदलते हैं, मोहब्बत वही कफन ओढ़ कर चल पड़ती है,
अनंत यात्रा में, अनंत गहराइयों में मोहब्बत धूमिल हो चल पड़ती है,
चल पड़ती है, चल पड़ती है।।
______अंकित कुमार{Ak}
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2 comments:
Waah sir
love❣
#LOVE
AMAZING
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